Showing posts from 2014Show all

एक जर्मन महिला के सपने, सोच व हिम्मत

कुछ दिन पहले जर्मनी के हेमबर्ग से एक मेल आया था. मेरीबेन नाम की एक महिला का. वह जर्मनी से कोलकता पहुंच कर सीधे मुजफ्फरपुर आना चाहती थीं. वह मुझसे अप्पन …

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गंगा को निर्मल रहने दो, गंगा को अविरल बहने दो

अनिल प्रकाश केंद्र की नई सरकार ने गंगा नदी से जुड़ी समस्यािओं पर काम करने का फैसला किया है। तीन.तीन मंत्रालय इस पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी राजी…

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विकल्प की संभव दिशा

सच्चिदानंद सिंहा वैकल्पिक विकास के माॅडल की बात करना आज भी वैसा ही अर्थहीन है जैसा कभी युटोपिया की बात करना समाजवादी आंदोलन के प्रारंभिक काल में था। क…

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ग्रामीण शिक्षा का डगमगाता सफर

अमृतांज इंदीवर किसी भी सभ्य समाज व राष्ट्र के विकास का आकलन शिक्षा के स्तर से होता है। जैसी शिक्षा,  वैसा व्यक्ति व समाज। ग्रामीण बिहार की प्राथमिक स…

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लघुकथा

कफन श्याम बाबू प्रखंड कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी तय होनेवाली है। लड़की याद-दोस्तों से लेकर नाना-नानी, परदादा-परदादी तक को …

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