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कुछ दिन पहले जर्मनी के हेमबर्ग से एक मेल आया था. मेरीबेन नाम की एक महिला का. वह जर्मनी से कोलकता पहुंच कर सीधे मुजफ्फरपुर आना चाहती थीं. वह मुझसे अप्पन …
Read moreबिहार में इंसेफ्लाइटिस का कहर
दैनिक देशबंधु, २ सितम्बर २०१४
Read moreकुसहा से सबक और बाढ़ का कहर
छोटी-छोटी पहल से बचेगी विशाल धरती
छोटी-छोटी पहल से बचेगी विशाल धरती ------------------------- पांच अगस्त को संध्या काल में पर्यावरण व गांधी चिंतन-दर्शन का जाना पहचाना नाम अनुपम मिश्र से न…
Read moreअनिल प्रकाश केंद्र की नई सरकार ने गंगा नदी से जुड़ी समस्यािओं पर काम करने का फैसला किया है। तीन.तीन मंत्रालय इस पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी राजी…
Read moreविकल्प की संभव दिशा
सच्चिदानंद सिंहा वैकल्पिक विकास के माॅडल की बात करना आज भी वैसा ही अर्थहीन है जैसा कभी युटोपिया की बात करना समाजवादी आंदोलन के प्रारंभिक काल में था। क…
Read moreMedia workshop on Climate Change
a team of SACCA Fellows at Willow, India Habitate Centre, New Delhi. I was in Delhi on Tuesday, 5th August 2014. IPCC, CDKN & Panos South Asia …
Read moreग्रामीण शिक्षा का डगमगाता सफर
अमृतांज इंदीवर किसी भी सभ्य समाज व राष्ट्र के विकास का आकलन शिक्षा के स्तर से होता है। जैसी शिक्षा, वैसा व्यक्ति व समाज। ग्रामीण बिहार की प्राथमिक स…
Read moreSocialist Thinker & Writer Sachchidanand Sinha गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना आर्थिक उदारीकरण के कारण मुल्क की मिट्टी में दफन हो गयी। ग्राम स्…
Read moreधान की भूंसी से रोशन हो रहा गांव
संतोष सारंग/बेतिया बिजली की किल्लत झेल रहे बिहार के लिए बेतिया के ज्ञानेश पांडे और रत्नेश यादव उम्मीद की किरण बन कर उभरे हैं. चंपारण की …
Read moreइंसेफलाइटिस
नमक का दरोगा
०४ नवंबर २००९, पूर्वांचल प्रहरी, गुवाहाटी
Read moreबच्चों की जान की कीमत
लघुकथा
कफन श्याम बाबू प्रखंड कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी तय होनेवाली है। लड़की याद-दोस्तों से लेकर नाना-नानी, परदादा-परदादी तक को …
Read moreगुलशन न रहा, गुलचीं न रहा
०८ अप्रैल २०११
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