कबीरा खड़ा बाज़ार में मांगे सबकी खैर
ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर
-------------------------------------
दुःख में सिमरन सब करे सुख में करे न कोए
जो सुख में सिमरन करे तो दुःख काहे को होए