शब्दावलियां

हमारी शब्दावली में दर्ज हैं  प्रेम-मोहब्बत, सत्य-अहिंसा सच्चाई, स्नेह, समानता नैतिकता, सिद्धांत, मर्यादा  संवैधानिक मूल्य, लोकतंत्र  मानवता, सहिष्णुता, न्…

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अब पढ़ाए जाएंगे

अब पढ़ाए जाएंगे तथ्यहीन इतिहास, झूठी कहानियां काल्पनिक कथाएं, मिथक अनुश्रूतियां अधकचरा ज्ञान व लुगदी साहित्य अब पढ़ाए जाएंगे  दुनिया के पहले पत्रकार थे &#…

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पत्थर में प्राण

जब तुम  पत्थर में प्राण डाल सकते हो  मंत्रों से किसी को भस्म कर सकते हो श्राप से किसी को संकट में डाल सकते हो  तो मैं भी  एक मुट्ठी में धरती समा सकता हूं …

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अच्छे दिन आए

कौन कहता है कि  अच्छे दिन नहीं आए  अच्छे दिन बेखौफ आए धन्नासेठों, साहूकारों के लिए आए धर्म के ठेकेदारों के लिए आए अमीरों, जमींदारों के लिए आए लुटेरों, बंट…

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धरती का देवता

जब 'ब्राह्मण देवता की जय' हो सकता है, तो 'लोहार देवता की जय' क्यों नहीं? 'कुम्हार देवता की जय' क्यों नहीं? 'हजाम देवता की जय&#…

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तानाशाह का भ्रम

वह भ्रम में है कि झूठ जीत गया, सच हार गया हिंसा जीत गई, अहिंसा हार गई नफरत जीत गया, मोहब्बत हार गई कुतर्क जीत गया, तर्क हार गया मनुस्मृति जीत गई, संविधान …

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प्रकृति व प्रेम का अनंत विस्तार है शेफाली का 'गर्भ में चांद'

----------------------------------------------------------------   डाॅ संतोष सारंग कवि जब खुद कविता बन जाता है, तो वह शब्दों की अनथक यात्रा पर निकल पड़ता …

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