मेरा बेटा ७ वीं में पढ़ता है। वह आजकल पर्यावरण प्रेमी हो गया है। बिना मतलब बल्ब जलते देख नहीं सकता है। यदि कोई पानी बर्बाद कर रहा हो, तो उस पर बिगड़ जाता है। एक मिनट के लिए भी यदि उसकी मां पंखा चलते या बल्ब जलते छोड़ दरवाजे पर आ गयी, तो समझिये घर में आफत आ गयी। यह पेंटिंग उसी ने बनाई है। 

 बालमन में पर्यावरण को लेकर चिंता