• संतोष सारंग

तुम मेरे अरमानों का गला घोंट दो

तुम मेरी इज्जत को कर दो तार-तार

तुम मेरे जख्मों पर नमक छिड़क दो

तुम मेरी लाश पर छिड़क दो केरोसिन


मैं हूं वो लड़की

जो लड़ कर लेगी

जो अड़ कर लेगी

हर जुल्म का हिसाब


तुम मेरे सपनों का आशियाना उजाड़ दो

तुम मेरी खुशहाल जिंदगी में लगा दो आग

तुम मेरे आजाद ख्याल पर पहरा लगा दो

या फिर मेरी जुबान पर जड़ दो बड़ा ताला


मैं हूं वो लड़की

जो जब्र में भी करेगी

जो कब्र में भी करेगी

जंग-ए-आजादी का ऐलान