--------------------------- डॉ. संतोष सारंग 

गुजरात से हूं

इतिहास बदलने आया हूं

झूठ की बुनियाद पर

संसार बदलने आया हूं

नफ़रत का मशाल लिये

धर्म का कटार लिये

हिंदुत्व का सार लिये

राष्ट्रवाद का झाल लिये

पूरी फिजा बदलने आया हूं

गुजरात से हूं

इतिहास बदलने आया हूं

मानवता की ऐसी-तैसी

भाईचारे की बात कैसी

समाज टूटे मंशा ऐसी 

वोट का सौदागर बन

राजनीति बदलने आया हूं

गुजरात से हूं

इतिहास बदलने आया हूं

अच्छे दिनों के नाम पर

पंद्रह लाख के दाम पर

उल्टे-पुलटे काम पर

जुमलेबाजी के बाम पर

अपनी छवि चमकाने आया हूं

गुजरात से हूं

इतिहास बदलने आया हूं

हम वो महामानव नहीं

जो रच कर इतिहास बदलते हैं

हम वो अवतारी पुरुष हैं

जो इतिहास के स्वर्णिम पन्नों को फाड़

अपना नया इतिहास बनाते हैं

गुजरात से हूं

देश का तकदीर बदलने आया हूं

उर्दूनुमा नाम बदलने आया हूं

विरोधियों को जड़ से मिटाने आया हूं

गुजरात से हूं

इतिहास बदलने आया हूं।